SocialRockstar*
New Member
- Joined
- Feb 27, 2010
- Messages
- 10
- Reaction score
- 0
- Points
- 1
Appraisal के नाम पर एक लम्बी आह भरते हैं,
chaliye ab hum is "dukhad" kahani ki shuruat karte hain,
हमेशा की तरह 10 बजे ठुमकते हुए office आया,
11 बजे तक नाश्ता किया और बारह बजे तक mail ही पढ़ पाया ,
हमेशा की तरह आज भी मुझे आलस आ रहा था ,
और मेरा PM मुझे तिरछी निगाहों से देख -देख गुस्सा रहा था,
मैं बड़े concentration के साथ एक "Careful" mail पढ़ रहा था,
तभी देखा मेरे PM ke नाम का नया mail कोने मैं blink कर रहा था,
फिर कोई training attend करनी होगी, ये क्या बकवास है,
क्या reply मैं लिख दूँ की मेरे mailbox का उपवास है?
मैंने आँखें बंद की और 10 bar " Hari-om" bola,
और प्रणाम करते हुये मैंने वो मेल खोला,
PM के इस मेल मैं एक अजीब सा सुकून और भोलापन है,
likha है भाइयों appraisal letters आ गए,अब तो one -to-one hai,
मॅन मैं ऐसे बुरे बुरे ख्याल आ रहे थे ,
ऊपर से कुछ लोग मेरे"de-appraisal" की गन्दी affwah उड़ा रहे थे,
PM को letter लाते देख हर कोई useदेखता जाता है,
जैसे mallika के किसी नए गाने को देखा जाता है,
आखिर वो वक़्त आया,PM ने एक एक kar sabako ander बुलाया,
जो भी अंदर जाता हँसता हुआ जाता,
जो बहार आता,मुरझाया हुआ आता,
बहार आ कर इंसान संभल भी नहीं पता है,
की "कितना हुआ kitna mila" हर कोई उसपे टूट जाता है,
किसी एक को appraisal मैं 2000 rupaye मिले थे , मैं उसकी हंसी उड़ा रहा था ,
तभी मैंने देखा मेरा PM इशारे से मुझे अंदर बुला रहा था ,
मैं confidence से उठा और आगे कदम बढाया ,
तभी मेरी belt का buckle टूट के नीकल आया ,
मेरी हालत तो अभी से ही बुरी हो गयी ,
साला इज्ज़त उतरना तो यही से शुरू हो गयी ,
मैं अंदर पहुंचा और PM ने मुझे बिठाया ,
उसने मेरा letter पढा और वो हंसी रोक न पाया ,
वोह इतना हंसा की usse आंसू आ गए ,
क्या मेरे appraisal digits usse इतने भा गए ,
जैसे ही उसने appraisal letter मेरी तरफ बढाया ,
मेरी आँखों के आगे घनघोर अँधेरा छाया ,
मुझे लगा जैसे मेरे dil की दीवार को किसी ने गोबर से पोता है ,
अरे यार "बीस rupaye" ? ये भी कोई increment होता है ?
ये software industry है , अखाडा नहीं है ,
ये "SALARY INCREMENT" है , दादर आने -जाने का भाडा नहीं है ,
मेरे चारों तरफ कलि घटा छायी ,तभी मेरे PM की soothing आवाज़ आई ,
तुम सोच रहे होगे के company mgmt का दिमाग फिर गया है ,
पर बेटा हम क्या करें , dollar का bhav 2 rupaye जो gir गया है ,
पर फिर भी मुझे लगता है , ये letter fake है ,
मुझे तो लगता है ये printing mistake है,
तुम HR मैं जाओ ,और ये confirm करके आओ ,
भाई HR मैं जाने के लिए तैयार होना पड़ता है ,
वही तो ऐसी जगह है जहाँ सुंदर लड़कियों से पला पड़ता है ,
shitt!! जहाँ "Renuka " बैठी है , आज वहां बैठा "Aftab" hai,
मैं समझ गया बेटा , आज अपना luck ही ख़राब है ,
उसने मेरा letter खोला ,और खुश हो के बोला ,
वो बोला sir आप के लिए खुशखबरी है ,
आप के letter ने "Printing mistake" पकड़ी है ,
मैंने कहा boss अब देर न लगाएं ,
और मुझे मेरा actual amount बताएं ,
sorry sir ये mistake just by एक्सीडेंट है ,
बीस rupaye नहीं , दो rupaye आप का increment है ,
मैं क्या करूं आप को ये बताते हुए मेरा dil रो रहा है ,
पर क्या करें dollar का भाव भी तो कम हो रहा है ,
मैं बस वहाँ खडा था ,कुछ समझ नहीं आ रहा था ,
मुझसे ज्यादा increment तो security वाला पा रहा था ,
मैंने खुद को संभाला , खुद को उठाया ,
मैं लौटा और सीधे PM के पास आया ,
मैं सीधा उसके केबिन गया और दरवाज़ा खोला ,
इस से पहले की वो बोले , मैं ही उस से बोला ,
sir ये पैसे वापिस ले लीजिये , बात करना फीजूल है,
मैं गरीब हूँ,पर भीख नहीं लेता ये मेरा उसूल है|.
chaliye ab hum is "dukhad" kahani ki shuruat karte hain,
हमेशा की तरह 10 बजे ठुमकते हुए office आया,
11 बजे तक नाश्ता किया और बारह बजे तक mail ही पढ़ पाया ,
हमेशा की तरह आज भी मुझे आलस आ रहा था ,
और मेरा PM मुझे तिरछी निगाहों से देख -देख गुस्सा रहा था,
मैं बड़े concentration के साथ एक "Careful" mail पढ़ रहा था,
तभी देखा मेरे PM ke नाम का नया mail कोने मैं blink कर रहा था,
फिर कोई training attend करनी होगी, ये क्या बकवास है,
क्या reply मैं लिख दूँ की मेरे mailbox का उपवास है?
मैंने आँखें बंद की और 10 bar " Hari-om" bola,
और प्रणाम करते हुये मैंने वो मेल खोला,
PM के इस मेल मैं एक अजीब सा सुकून और भोलापन है,
likha है भाइयों appraisal letters आ गए,अब तो one -to-one hai,
मॅन मैं ऐसे बुरे बुरे ख्याल आ रहे थे ,
ऊपर से कुछ लोग मेरे"de-appraisal" की गन्दी affwah उड़ा रहे थे,
PM को letter लाते देख हर कोई useदेखता जाता है,
जैसे mallika के किसी नए गाने को देखा जाता है,
आखिर वो वक़्त आया,PM ने एक एक kar sabako ander बुलाया,
जो भी अंदर जाता हँसता हुआ जाता,
जो बहार आता,मुरझाया हुआ आता,
बहार आ कर इंसान संभल भी नहीं पता है,
की "कितना हुआ kitna mila" हर कोई उसपे टूट जाता है,
किसी एक को appraisal मैं 2000 rupaye मिले थे , मैं उसकी हंसी उड़ा रहा था ,
तभी मैंने देखा मेरा PM इशारे से मुझे अंदर बुला रहा था ,
मैं confidence से उठा और आगे कदम बढाया ,
तभी मेरी belt का buckle टूट के नीकल आया ,
मेरी हालत तो अभी से ही बुरी हो गयी ,
साला इज्ज़त उतरना तो यही से शुरू हो गयी ,
मैं अंदर पहुंचा और PM ने मुझे बिठाया ,
उसने मेरा letter पढा और वो हंसी रोक न पाया ,
वोह इतना हंसा की usse आंसू आ गए ,
क्या मेरे appraisal digits usse इतने भा गए ,
जैसे ही उसने appraisal letter मेरी तरफ बढाया ,
मेरी आँखों के आगे घनघोर अँधेरा छाया ,
मुझे लगा जैसे मेरे dil की दीवार को किसी ने गोबर से पोता है ,
अरे यार "बीस rupaye" ? ये भी कोई increment होता है ?
ये software industry है , अखाडा नहीं है ,
ये "SALARY INCREMENT" है , दादर आने -जाने का भाडा नहीं है ,
मेरे चारों तरफ कलि घटा छायी ,तभी मेरे PM की soothing आवाज़ आई ,
तुम सोच रहे होगे के company mgmt का दिमाग फिर गया है ,
पर बेटा हम क्या करें , dollar का bhav 2 rupaye जो gir गया है ,
पर फिर भी मुझे लगता है , ये letter fake है ,
मुझे तो लगता है ये printing mistake है,
तुम HR मैं जाओ ,और ये confirm करके आओ ,
भाई HR मैं जाने के लिए तैयार होना पड़ता है ,
वही तो ऐसी जगह है जहाँ सुंदर लड़कियों से पला पड़ता है ,
shitt!! जहाँ "Renuka " बैठी है , आज वहां बैठा "Aftab" hai,
मैं समझ गया बेटा , आज अपना luck ही ख़राब है ,
उसने मेरा letter खोला ,और खुश हो के बोला ,
वो बोला sir आप के लिए खुशखबरी है ,
आप के letter ने "Printing mistake" पकड़ी है ,
मैंने कहा boss अब देर न लगाएं ,
और मुझे मेरा actual amount बताएं ,
sorry sir ये mistake just by एक्सीडेंट है ,
बीस rupaye नहीं , दो rupaye आप का increment है ,
मैं क्या करूं आप को ये बताते हुए मेरा dil रो रहा है ,
पर क्या करें dollar का भाव भी तो कम हो रहा है ,
मैं बस वहाँ खडा था ,कुछ समझ नहीं आ रहा था ,
मुझसे ज्यादा increment तो security वाला पा रहा था ,
मैंने खुद को संभाला , खुद को उठाया ,
मैं लौटा और सीधे PM के पास आया ,
मैं सीधा उसके केबिन गया और दरवाज़ा खोला ,
इस से पहले की वो बोले , मैं ही उस से बोला ,
sir ये पैसे वापिस ले लीजिये , बात करना फीजूल है,
मैं गरीब हूँ,पर भीख नहीं लेता ये मेरा उसूल है|.